स्वास्थ्य

लहसुन खाने के फायदे और जानकारी – Lahsun khane ke fayde

Benefits of Eating Garlic in Hindi

लहसुन खाने के फायदे और जानकारी – लहसुन, जो आसानी से घर पर उपलब्ध रहता है और हमेशा खाना पकाने में उपयोग किया जाता है ओर स्वास्थ्य के लिए भी बेहद उपयोगी होता है.

लहसुन पूरे भारत में पाया जाने वाला एक पौधा है और इसे औषधीय पौधे के रूप में और भोजन के रूप में बहुत उपयोगी माना जाता है. लहसुन के दो मुख्य प्रकार हैं. एक छोटा और दूसरा बड़ा, बड़े लहसुन को महरसन कहा जाता है. उसका आकार प्याज जैसे बड़ा होता हैं. इसके अलावा एक ओर लहसुन हैं जो एक छोटी लौंग के आकार का होता है. इसका उपयोग दवा के रूप से किया जाता है.

लहसुन में वाष्पशील तेल होता है, जिसमें सल्फर पाया जाता होता है. छह स्वादों में से, यह खट्टे को छोड़कर पांच अन्य रसों वाला पौधा होता है. मुख्य रूप से इसका मसालेदार स्वाद होता है. लहसुन के पौधे के विभिन्न भागों में अलग-अलग रस (स्वाद) होते हैं. कंद का स्वाद मसालेदार होता हैं, पत्तियां कड़वी होती हैं, गर्भनाल कसैला व खारा होता है और बीज मीठे होते हैं.

लहसुन खाने के फायदे (Lahsun khane ke fayde)

लहसुन बहुगुणा गुणों के साथ एक जड़ी बूटी है. दैनिक आहार में लहसुन का व्यापक रूप से उपयोग किया जाना चाहिए जैसा सब्जियों,आमी या चटनी.

यदि किसी बच्चे को सर्दी या खांसी होती है, तो उसके गले में लहसुन की एक माला ढालने से सर्दी या खांसी ठीक हो जाती है.

यदि गठिया में जोड़ों में सूजन होती है, तो लहसुन को विभाजित कर उकसा लैप लगाया जाता है,यह दर्द और सूजन को कम करता है.

दाद जैसे त्वचा विकारों में त्वचा पर लहसुन के रस को घिसकर लगाया जाता है. इससे खुजली कम होती है और विकार दूर होता है.

मकड़ी या कीड़े के काटने पर लहसुन का पेस्ट लगाने से विषैले प्रभाव खत्म किया जा सकता हैं.

3 ग्राम लहसुन में निम्नलिखित गुण होते हैं

लहसुन खाने के फायदे और जानकारी

यदि कान दर्द करता है, तो तेल में लहसुन को उबालें और गुनगुना होना पर इसे कान में डालें, यह कान के दर्द को कम करता है.

लहसुन कई बीमारियों जैसे लकवा, कटिस्नायुशूल, गठिया आदि के लिए एक प्रभावी उपाय है.

यदि किसी व्यक्ति को पेट की परसनी है ओर उसे लहसुन का रस दिया जाय तो , यह पेट फूलना (अपच), अपच, मुंह में स्वाद की कमी, पेट दर्द, कीड़े, बवासीर में बहुत उपयोगी साबित होता है.

लहसुन की चटनी के साथ पकाया हुआ चावल खाने से यह आसानी से पच जाता है, ओर पेट को बी नहीं फूलता है.

लहसुन दिल को उत्तेजित करता है और सूजन को कम करता है.

इसके चिकने और तीखे गुणों के कारण, लहसुन से शुद्धिकरण का कार्य होता है, इसकी तीखी गंध कफ की गंध को खत्म करती है.

दूध में उबला हुआ लहसुन लौंग पुरानी खांसी, अस्थमा, तपेदिक और गले में खराश में बहुत उपयोगी है.

IHD का उपयोग प्रतिरोधी फेफड़े के रोग के उपचार में भी किया जाता है, हृदय रोग के कई प्रकारों में पेट फूलना शामिल है, दूध में लहसुन मिलाने से गैस निकलती है और सूजन कम होती है.

लहसुन के तेल को छाती और पेट पर मलने से भी दर्द कम होता है.

लहसुन एक शुक्राणु विकर्षक के रूप में कार्य करता ह, लहसुन का उपयोग उत्तेजना बढ़ाने के लिए किया जाता है.

महिलाओं में, यदि मासिक धर्म के दौरान शरीर को साफ नहीं किया जाता है, तो लहसुन का उपयोग किया जाता है.

अस्थि-भंग में अस्थि-चिकित्सा के लिए लहसुन का दूध बहुत उपयोगी है.

लहसुन जिल्द की सूजन में उपयोगी है, जिसमें त्वचा सड़ी हुई है, लहसुन को पीसकर घाव पर लगाने से कीड़े मर जाते हैं.

लहसुन, हल्दी पाउडर और गुड़ को मिलाएं और प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं, इसका कि सूजन जल्दी से कम हो जाती है और दर्द भी कम हो जाता है.

लहसुन के तेल को छाती पर रगड़ने से सर्दी और खांसी कम होती है, खांसी के लिए लहसुन एक प्रभावी उपाय है, दूध में लहसुन पीना रक्तचाप के लिए अच्छा है, लहसुन ब्लड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए एक उपयोगी औषधि है.

अगर आपके शरीर में अतिरिक्त वसा है तो लहसुन जैसी कोई चीज नहीं है.

लहसुन त्वचा, फेफड़े और गुर्दे से बाहर निकलता है और उस समय तीनों अंगों को उत्तेजित करता है.

लहसुन गर्म और मसालेदार होता है,इसलिए पित्त प्रकृति और गर्भवती महिलाओं के साथ ही हेमोप्टीसिस से पीड़ित लोगों को नहीं दिया जाना चाहिए.

गाय के गोबर में लहसुन की लौंग भूनकर भोजन से पहले रोजाना खाने से गठिया ठीक हो जाता है.

लहसुन के पेस्ट के साथ तला हुआ तिल का तेल सूजन, टेढ़ा मुंह, लकवा आदि को ठीक करता है.

ऐसे बहुरंगी लहसुन को उचित रूप से आहार में शामिल करना बहोत अच्छा है.

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