अस्थमा एक फेफड़ों की ऐसी बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति को साँस लेने में बहोत कठिनाई होती है. ऐसी इस्थिति में व्यक्ति के वायुमार्ग में संकीर्ण और सूजन हो जाती है और अतिरिक्त बलगम का उत्पादन होता है जिससे कारण वश सांस लेना में मुश्किल हो जाती है. ज्यादातर यह रोग अधिक उम्र के लोगों को होता है. धूल और धुआँ भरे महौल में रहने के कारण भी यह हो सकता है. प्राय: यह रोग अनुवांशिक होता है. अत्यधिक धुम्रपान करने वालों को भी यह रोग होता है. इसमें रोगी को साँस लेने में तकलीफ होती है. यह तकलीफ कभी कम कभी ज्यादा घटती-बढ़ती रहती है. कभी-कभी खाँसी के साथ कफ निकलता है तो रोगी को आराम मिलता है. बलगम न निकले तो रोगी का हाल बेहाल हो जाता है.
इस लेख में हम आपको अस्थमा के रोग के बारे मे जानकारी देंगे, जो आपको बहोत मदद करेगी और आपको कुछ आयुर्वेदिक नुस्के भी बतायंगे. अस्थमा in English is bronchial asthma.
अस्थमा या फिर अस्थमा का रोग क्या है?
दमा या फिर अस्थमा यह रोग वात एवं कफ दोष के बढ़ने से होता है. इस रोग को तमक श्वास भी कहा जाता है. इस रोग में रोगी को साँस लेने में तकलीफ होती है, इस रोग के होने के कोई कारण है. अगर रोगी का दमा या फिर अस्थमा अधिक बढ़ जाने पर उसको इनहिलेर का प्रयोग करना पड़ सकता है या फिर उसे अस्पताल भी जाना पड़ सकता है.
अस्थमा के लक्षण
दमा या अस्थमा में सबसे पहले रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है. इसके अलावा भी और कुछ लक्षण होते हैं जिन्हे हमने निचे दिया है. अस्थमा के लक्षणों का जितनी जल्दी पता चलेगा उतनी ही जल्दी इसका इलाज होता है.
- लागतात बार-बार खाँसी आना
- छाती में भारीपन महसूस होना और जकड़न का अहसास होना
- थोड़ा सा ख़म करने पर साँस फूलना
- साँस लेते वक्त सीटी की आवाज आना
- अधिक कफ का जमना
- खांसने में तकलीफ होना
दमा या फिर अस्थमा के कुछ कारण
दमा या फिर अस्थमा होने के बहोत से कारण हो सकते है, हमने आपको निचे कुछ कारण बताये है.इन कारणों से बचकर आप दमा या फिर अस्थमा के रोग से बच सकते है. दमा या फिर अस्थमा कोई प्रकार का हो सकता है. इसके कारण अलग अलग हो सकते है.
- अधिक उम्र के लोगो को यह रोग हो सकता है.
- अधिक धूल और धुप में काम करने से भी यह रोग हो सकता है.
- अत्यधिक धुम्रपान करने वालों को भी यह रोग होता है
- प्रदूषण की मात्रा अधिक हो जाने से भी यह रोग होता है.
- यह रोग कुछ लोगो को पीढ़ी तर पीडी भी होता है.
- धूलकण
- ठंडी हवा या मौसमी बदलाव
- संक्रमण
- मोटापे
अस्थमा के मुख्य प्रकार
- सिजनल अस्थमा (Seasonal Asthma)
यह एक ऐसे प्रकार का अस्थमा है जो कुछ मौसम में ही होता है, इसे हम एलर्जिक अस्थमा भी कहा जाता है. यह अस्थमा वर्ष के विशिष्ट समय पर होने वाली एलर्जी और अन्य ट्रिगर के कारण होती है. - एलर्जिक अस्थमा (Allergic Asthma)
कोई ख़म करते समय व कही जाते समय या फिर किसी सुगंद की एलर्जि होने पर इस तरह का अस्थमा हो सकता है. बहोत से लोगो को धूल मिट्टी की एलर्जिक होती है ऐसे लोग धूल मिट्टी के सम्पर्क में आते ही उनकी साँस फूलने लगती है. - नॉन एलर्जिक अस्थमा (Non Allergic Asthma)
नॉन एलर्जिक अस्थमा को गैर – एटोपिक अस्थमा भी कहा जाता है, इस प्रकार के अस्थमा के कारण को अभी समझा नहीं गया है. इस प्रकार का अस्थमा आयु के साथ पता चलता है. - अकुपेशनल अस्थमा (Occupational Asthma)
इस प्रकार का अस्थमा रासायनिक धुएं, गैसों, धूल या अन्य पदार्थ में साँस लेने की वजह से होता है. ऐसा देखा गया है कि कारखानों में काम करने वाले बहोत से लोगो को अस्थमा जैसी बीमारी का सामना करना पड़ा है.
दमा या फिर अस्थमा के कुछ घरेलू इलाज व उपचार
1. अस्थमा के लिए आहार मतलब रत में सोने के पहले सौंठ,भारंगी और बड़ी हरड़ तीनों को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाले और 1-1 चम्मच चूर्ण गर्म पानी के साथ लें.
2. अस्थमा की देशी दवा – 250 ग्राम पानी में 2 चम्मच मुलहठी डालकर काढ़ा बनायें और गर्म करे जब आधे से कम पानी रह जाये तो रोज सुबह-शाम खाने के बाद इस काढे का पीयें.
3. जब दमे का दौरा पड़े उस समय जरा सी फिटकरी जीभ पर रखकर चुसने से तुरंत आराम मिलता है.
4. रोगी की छाती को गर्म पानी के सेंक से काफी आराम मिलता है.
5. श्वास फुलने के दौरान गर्म पानी पीने से आराम मिलता है.
6. 3 चम्मच मेथी को 1 गिलास पानी में उबालें,आधा पानी रहने पर उसे छानकर पियें.
7. हार सिंगार की छाल का चूर्ण पान के साथ खाने से दमा में काफी आराम मिलता है.
8. तुलसी और अदरक का रस बराबर मात्रा में शहद के साथ लेने से आराम मिलता है.
9. अडूसे के पत्तों को पानी में भिगोकर उनका रस निकालकर तथा उसमें तुलसी का रस मिलाकर लेने से दमा में काफी आराम मिलता है.
10. तेजपात के पत्तों का चूर्ण अदरक के रस के साथ लेने से दमे में काफी लाभ होता है.
11. प्रातः काल खाली पेट 3 से 4 चम्मच अदरक का रस शहद के साथ लेने से काफी आराम मिलता है.
12. तुलसी के पत्तों के साथ 2-3 काली मिर्च चबाने से रोग में आराम मिलता है.
13. अदरक के साथ निंबू का रस चूसने से भी आराम मिलता है.
14. नींबू का रस शहद में मिलाकर चाटने से दमा व खाँसी में आराम मिलता है.
15. सेंधा नमक में देशी गाय का घी मिलाकर छाती पर मलन से काफी आराम मिलता है.
16. शलजम गाजर और पत्तागोभी का रस समान मात्रा में मिलाकर पीयें.
17. पीपल के फल का चूर्ण 1-1 चम्मच सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है.